Yes Bank एक बार फिर से सुर्खियों में है। शुरुवाती जून 2025 को बैंक से जुड़ी दो बड़ी ख़बरें सामने आईं — पहली, Carlyle Group ने अपनी हिस्सेदारी घटा दी है और दूसरी, बैंक ने ₹16,000 करोड़ तक फंड जुटाने की योजना का ऐलान किया है। आइए विस्तार से जानते हैं ये खबरें और उनका क्या असर हो सकता है।
🏦 Carlyle ने बेची हिस्सेदारी
Yes Bank में निवेश करने वाली अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म Carlyle Group की इकाई CA Basque Investments ने बैंक में अपनी 2.62% हिस्सेदारी बेच दी है। इस बिक्री के बाद Carlyle की कुल हिस्सेदारी 4.22% रह गई है। Carlyle के पास अब बोर्ड में अपना निदेशक नामित करने का अधिकार नहीं रहेगा, क्योंकि इसके लिए न्यूनतम हिस्सेदारी की शर्त पूरी नहीं हो रही है। इससे बैंक के बोर्ड स्ट्रक्चर में कुछ बदलाव आने की संभावना है।
💰 ₹16,000 करोड़ तक की फंडिंग प्लान
बता दें कि Yes Bank के बोर्ड ने एक बड़ी फंडरेज़िंग योजना को मंज़ूरी दी है। इसके तहत बैंक ₹7,500 करोड़ इक्विटी के ज़रिए और ₹8,500 करोड़ डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स के ज़रिए जुटाएगा। कुल मिलाकर ₹16,000 करोड़ की पूंजी जुटाएगा। बैंक इस फंड का उपयोग अपने बिजनेस विस्तार, डिजिटल सर्विसेज को मज़बूत करने, और बैलेंस शीट को बेहतर बनाने में करेगा।
📉 शेयर मार्केट में हलचल
इन दोनों खबरों का Yes Bank के शेयर पर सीधा असर पड़ा है। शेयर का प्राइस ₹24 पर ट्रेड कर रहा था लेकिन वही अब घटकर ₹21 पर ट्रेड कर रहा है। बाजार में निवेशक थोड़े सतर्क नज़र आ रहे हैं। Carlyle की हिस्सेदारी कम होने को कुछ विश्लेषक नेगेटिव सिग्नल मान रहे हैं। लेकिन लंबी अवधि के लिए ₹16,000 करोड़ की फंडिंग को पॉजिटिव मूव भी माना जा रहा है।
👥 दो सीनियर अधिकारियों का इस्तीफा
Yes Bank के दो वरिष्ठ अधिकारी:अक्षय सपरू (प्राइवेट बैंकिंग हेड) और संजीव रॉय (फी-बेस्ड प्रोडक्ट्स हेड) ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इससे बैंक के टॉप मैनेजमेंट में बदलाव आने की संभावना है।
Yes Bank इन खबरों के चलते अगले कुछ हफ्तों तक निवेशकों के रडार पर रहेगा। क्या बैंक सही दिशा में जा रहा है और क्या फंडिंग से बैंक को मजबूती मिलेगी कहीं Carlyle जैसे बड़े निवेशकों का बाहर होना चिंता की बात तो नही। इन सभी सवालों का जवाब समय के साथ सामने आएगा।