अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक फेवरेट लाइन है – "I have been making deals all my life." यानी "मैं जीवन भर सौदे करता रहा हूं।" आमतौर पर राष्ट्रपति बनने के बाद कोई भी नेता या कारोबारी कुछ प्रोटोकॉल को फॉलो करता है, लेकिन ट्रंप हमेशा डील की खोज में रहते हैं।
Bitcoin Pizza Party.
कल रात ट्रंप ने अमेरिका में एक खास पार्टी की मेज़बानी की, और मौका था Bitcoin Pizza Day.लेकिन इस दिन को भी उन्होंने एक डील में बदल दिया। इस पार्टी के जरिए उन्होंने अपनी क्रिप्टोकरेंसी ट्रंप मेमक कॉइन में ₹1258 करोड़ का निवेश करवाया।
हमेशा चर्चाओं में रहने वाले ट्रंप, जो कभी हार्वर्ड तो कभी एप्पल से विवाद कर चुके हैं, इस पार्टी के बाद अब खुद विवादों में घिर गए हैं। इस पार्टी में ट्रंप की क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा निवेश करने वाले 220 लोगों को आमंत्रित किया गया था। इनमें से टॉप 25 निवेशकों को ट्रंप के साथ अलग से बैठने और बातचीत का अवसर मिला।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इस पार्टी में जस्टिस सन नाम का एक चीनी नागरिक भी शामिल हुआ, जिसने ट्रंप की क्रिप्टोकरेंसी में कुल ₹790 करोड़ का निवेश किया है। जस्टिस सन द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में यह देखा गया। दावा किया जा रहा है कि इस पार्टी में शामिल 220 लोगों में से आधे से ज्यादा अमेरिकी नागरिक नहीं थे।
Pizza Party का हुआ विरोध।
इस वजह से पार्टी के बाहर सैकड़ों लोगों ने इसका विरोध किया। उन्होंने "अमेरिका बिक्री के लिए नहीं है", "क्रिप्टो भ्रष्टाचार बंद करो" और "अतिथि सूची जारी करो" जैसे नारे लगाए।
Investors को मिली 1 लाख डॉलर की घड़ी।
पार्टी में ट्रंप ने जस्टिस सन समेत अपने चार सबसे बड़े निवेशकों को $1 लाख की घड़ी उपहार में दी। लेकिन ट्रंप जानते हैं कि जितना उन्होंने उपहारों में खर्च किया, उससे कहीं ज्यादा डील से कमा चुके हैं।
दरअसल, बीते 18 महीनों में ट्रंप का क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दृष्टिकोण पूरी तरह बदल गया। 2024 से पहले वे क्रिप्टो के विरोध में थे, लेकिन 2024 में उन्होंने अपनी क्रिप्टो कंपनी लॉन्च की और अपने नाम की करेंसी भी मार्केट में उतारी। जब ट्रंप ने देखा कि क्रिप्टो से मोटी कमाई की जा सकती है, तो उन्होंने इसे ही अपना नया कारोबार बना लिया। हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान की क्रिप्टो काउंसिल से भी डील की थी।
Bitcoin पिज्ज़ा डे की कहानी
हर साल 22 मई को बिटकॉइन पिज्ज़ा डे मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 22 मई 2010 को हुई, जब अमेरिका के फ्लोरिडा में एक नागरिक लास्ज़लो हानिएज़ ने दो बड़े पिज्जा के लिए 10,000 बिटकॉइन खर्च किए थे। उस समय बिटकॉइन की कीमत केवल ₹41 थी। यह पहला मौका था जब किसी सामान को खरीदने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल हुआ था।
आज 10,000 बिटकॉइन की कीमत ₹9,342 करोड़ से अधिक है। यानी 2010 में जो पिज्जा ₹1847 में मिला, वही आज अगर बिटकॉइन न खर्च होते, तो उसकी कीमत 9,000 करोड़ से ज्यादा होती। वर्तमान दर से देखें तो इतने बिटकॉइन से आज 10 करोड़ लार्ज साइज पिज्जा खरीदे जा सकते हैं।
आज भी जिस रेस्टोरेंट से वो पिज्जा खरीदा गया था, वहां 22 मई 2010 की उस ऐतिहासिक डील का एक पोस्टर लगा है, जिसमें लिखा है – "Makers of the famous Bitcoin Pizza."